महाशिवरात्रि से जुड़ी खास बातें
महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सूर्य और चंद्र अधिक नजदीक रहते हैं।
महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है
इस दिन को शीतल चन्द्रमा और रौद्र शिवरूपी सूर्य का मिलन माना जाता हैं।
महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है
इसलिए इस चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व
उसमें शिव पूजा, उपवास और रात्रि जागरण का प्रावधान है।
महाशिवरात्रि का महत्व
इस महारात्रि को शिव की पूजा करना सचमुच एक महाव्रत है।
महाशिवरात्रि का महत्व
शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आती है और उसे शिवरात्रि ही कहते हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व
जबकि शिवरात्रि जो फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आती है उसे महाशिवरात्रि कहते हैं।
महाशिवरात्रि के पीछे कहानी
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस रात को दूसरी बार अपनी दिव्य पत्नी, मां शक्ति से विवाह किया था।
महाशिवरात्रि के दिन पुजा कैसे करें ?
शिवरात्रि के दिन सुबह जल्द उठ कर स्नान कर के साफ स्वच्छ वस्त्र धारण करें. मंदिर जाकर शिव परिवार की पूजा करें
महाशिवरात्रि के दिन पुजा कैसे करें ?
शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें, रुद्राभिषेक दूध, दही,गंगा जल, घी, शक्कर, चीनी से करें
महाशिवरात्रि का वर्त कब तक रखे
17 फरवरी की रात 8 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी और 18 फरवरी की शाम 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।
महाशिवरात्रि का वर्त कब तक रखे
महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले जातक अगले दिन 19 फरवरी को पारण कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें