पूरी दुनिया मे धरती पर लोगों की संख्या हर दिन हर सेकंड बढ़ती जा रही है जरूरी है की हम जनसंख्या विषय पर गंभीर हो जाए । विश्व के कई देश जहां की जनसंख्या अधिक है वहाँ नियंत्रण कानून लागू करने की कोशिश की जा रही है और अगर भारत की बात करें तो यहाँ भी सरकार जनसंख्या पर गंभीरता से काम कर रही है क्यूंकि भारत की जनसंख्या विश्व की सबसे बढ़ी जनसंख्या वाला देश बन चुका है ,बीते कुछ वर्षों मे हमारे देश की जनसंख्या मे जम कर बढ़ोतरी हुई है अगर जल्द ही ईसपे लगाम नहीं लगाया गया तो भविष्य मे देश को भारी क्षति हो सकती है ,इसलिए आज हम बात करेंगे भारत की जनसंख्या (India’s Population) के बारे मे आइए जानते है 2023 मे भारत की जनसंख्या कितनी है और जनसंख्या मे भारत का स्थान कहाँ है । India population 2023, कैसे भारत बना विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश
2023 में भारत की जनसंख्या (India’s population 2023)
भारव और चीन दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश हैं. सालों से हमने यही सुना है कि चीन में विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या आबादी है, चीन जनसंख्या के मामले में सबसे आगे है. ये भी पिछले सालों से सुनते आ रहे हैं एकिन आंकड़े बताते है की भारत अगले कुछ सालों में चीन की जगह ले सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि ये पहले ही हो चुका है।
World Population Review (WPR) की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 18 जनवरी, 2023 तक भारत की जनसंख्या 1.423 बिलियन का आंकड़ा पार कर चुकी है वहीं अगर चीन की बात करें तो इसकी जनसंख्या 1.412 बिलियन बताई गई यानि भारत की जनसंख्या चीन से 5 Million अधिक है ।
जनगणना (Census)
जनगणना का अर्थ है लोगों की गिनती भारत मे हर 10 वर्षों पर जनगणना होती है जिसे घर घर जाकर जाती धर्म और परिवार के सदस्यों की गिनती की जाती है भारत मे अंतिम जनगणना वर्ष 2011 मे हुई थी और सबसे पहले जनगणना साल 1872 में की गई थी। उस दौरान भारत की जनसंख्या सिर्फ 12 करोड़ थी और आज देश की जनसंख्या कई गुना बढ़ चुकी है ।
जैसा की आप जानते है भारत मे हर 10 वर्षों मे जनगणना होती इसलिए 10 वर्षों के बाद ये 2021 मे होनी थी लेकिन COVID महामारी के कारण इसे टाल दिया गया । वर्ष 2011 मेन हुई जनगणना के आधार पर ये बताया गया था की उस दौरान भारत की जनसंख्या 125.76 crores थी उस दौरान भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश था और चीन का स्थान पहला (134.5 crores) था। लेकिन वर्ष 2023 तक अनुमानतः भारत चीन को पीछे छोड़ विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है । धरती के कुल जनसंख्या का 18% लोग भारत मे रहते है , और अगर भारत की जनसंख्या की दर की अगर बात करें तो ये 1.19% है और ये दर बीते कुछ वर्षों मे बढ़ी है ।नीचे दिये गए इस चित्र मे आप समझ सकते है की भारत की जनसंख्या किस प्रकार बढ़ी है ।
भारत में बढ़ती जनसंख्या के कारण (Reasons for increase in population in India)
जहाँ एक वक़्त मे जनसंख्या मामले मे भारत दूसरे स्थान पर वहीं अब वे विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है आइए जानते है भारत में बढ़ती जनसंख्या के कारण क्या है –
किसी क्षेत्र की जनसंख्या बढ्ने का सबसे बड़ा कारण होता है जन्मदर का मृत्युदर से अधिक होना अगर जन्म लेने वाले से मरने वाले की संख्या अधिक हो तो वहाँ स्वाभाविक तौर पर जनसंख्या बढ़ेगी ही ।
मतलब ये की भारत में जन्मदर 19.3 और मृत्युदर 7.3 है इसका मतलब भारत में प्रतिदिन 68,500 बच्चे जन्म लेते हैं और प्रतिदिन 28,018 लोग मर रहे है । इसलिए जनसंख्या बढ्ने का इसे मुख्य कारण मान सकते है और देश मे ऐसे भी क्षेत्र है जहाँ लोगों मे जागरूकता की कमी है ।
जनसंख्या बढ़ोतरी के नुकसान (Disadvantage of population growth)
जनसंख्या के लगातार बढ्ने से देश मे कई तरह के समस्या उत्पन्न हो सकती है और हो भी रही है कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां जनसंख्या बढ़ोतरी से भरी नुकसान हो सकता है
- कृषि भूमि पर अत्यधिक दबाव – लोगो संख्या बढ्ने से कृषि योग्य भूमि पर उत्पादन का दवाब बढ़ेगा जिसे भूमि की पैदावार मे कमी आएगी ।
- प्राकृतिक संसाधनों का शोषण – जीतने लोग बढ़ेगे प्रकृति से मिलने वाले संसाधनो का उपयोग भी बढ़ेगा जिससे अन्य कई तरह के समस्या उत्पन्न हो जाएगी ।
- प्रति व्यक्ति कम आय – वर्तमान मे भारत की प्रति व्यक्ति आय 1.5 लाख रुपये है अगर इस स्तर से जनसंख्या बढ़ी तो इसमे कमी आ सकती है ।
- बेरोजगारी में वृद्धि – जनसंख्या बढ्ने से बेरोजगारी की समस्या सबसे घातक साबित हो सकती है जो देश को आर्थिक ,सामाजिक सभी रूप मे असर डालेगी ।
- जीवन स्तर में गिरावट – जनसंख्या बढ़ें रहने के कारण वस्तु और सेवाओं मे कमी आएगी जिससे लोगों के रहन सहन यानि जीवन स्टार गिर जाएगी हर तरफ भुखमरी और गरीब हो जाएगी ।
- पर्यावरण प्रदूषण – जितनी अधिक जनसंख्या होगी उतना ही अधिक संसाधनों का उपयोग होगा और अगर संसाधनों का उपयोग होगा तो पर्यावरण प्रदूषित तो होगा ही।
- ध्वनि प्रदूषण – अनवांछित आवाज से लोग ध्वनि होने वाले बीमारी से ग्रस्त हो जाएंगे जैसे कान दर्द ,सर दर्द आदि ध्वनि प्रदूषण में रेलगाड़ियां, हवाई जहाज, मोटरसाइकिल इत्यादि प्रमुख कारण है,जनसंख्या बढ्ने से इन सभी साधनो का उपयोग भी बढ़ेगा ।
- मृदा प्रदूषण – कम समय मे अत्यधिक पैदावार करने के लिए लोग मृदा यानि मिट्टी मे रासायनिक खाद्य पदार्थ का उपयोग करते है जिससे मिट्टी खराब हो जाती है तो इसी ऊर्जा मे कमी अति है अगर जनसंख्या बढ़ेगी तो लोगों की जरूरत भी बढ़ेगी जिससे मृदा प्रदूषण होने की संभावना अधिक है ।
- जल प्रदूषण – फेक्टरी व प्रकृति संसाधनों मे कमी के कारण जल प्रदूषण की समस्या होगी
- वायु प्रदूषण – वाहनों और जन संसाधनो के अत्यधिक उपयोग से इससे निकालने वाले रासायनिक दुन्ध से हमारे चरों तरफ की वायु दूषित हो जाएगी और देश मे वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो जाएगी । और ये सब जनसंख्या वृद्धि के वजह से होगा
जनसंख्या वृद्धि के फायदे (Advantage of population growth)
हम सब जानते है की हर क्रिया के दो पहलू होते है एक वो जो आपको हानी पहुँचती है दूसरा जो आपको लाभ देता हो उसी प्रकार जनसंख्या वृद्धि के भी दो पहलू है इससे होने वाले हानि को तो अपने समझ लिया अब क्या इससे लाभ भी हो सकता है आइए जानते है जनसंख्या वृद्धि से होने वाले फायदे के बारे मे –
आर्थिक बढ़ावा (Economic democracy)
जनसख्या बढ्ने से लोग लोगों को आर्थिक जरूरत बढ़े जाएगी इससे आर्थिक व्यवस्था को बढ़ावा भी मिलेगा जाहीर सी बात है जीतने लोग होंगे उतने काम होंगे और जिस देश मे जीतने काम होंगे वहाँ की आर्थिक व्यवस्था उतनी मजबूत होगी आप चीन को देख सकते है वह विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है लेकिन वहाँ की आर्थिक व्यवस्था भी उतनी ही मजबूत है।
नई तकनीक मे बढ़ोतरी (New Technology)
बढ़ती आबादी के लिए बड़े पैमाने पर खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए उच्च उपज वाली फसलों का विकास किया गया है। नए नय लोग अपनी नई सोच विचार और काबिलियत के दम पर देश के लिए नई तकनीक विकसित करेंगे । जिन देशों ने जनसंख्या वृद्धि में गिरावट दिखाई है। जैसे जापान, एक प्रकार के संकट का सामना कर रहा हैं। जापान में दुनिया में सबसे ज्यादा उम्र के लोग हैं और उनकी आबादी बुजुर्ग लोगों में सबसे ज्यादा है। यह राष्ट्र के लिए चिंता का विषय रहा है क्योंकि कम बच्चों के होने से जापान का भविष्य खतरे में है।
ये तो थी भारत मे जनसंख्या वृद्धि और उसके होने वाले फायदे और नुकसान के बारे मे अब आइए एक टेबल द्वारा समझे की भारत के किस राज्य में कितनी जनसंख्या है ?
भारत के सभी राज्यों की जनसंख्या (State Population)
क्र. | राज्य | 2011 जनसंख्या |
2023 की अनुमानित जनसंख्या |
1 | उत्तर प्रदेश |
199,812,341 |
231,502,578 |
2 | महाराष्ट्र | 112,374,333 | 124,904,071 |
3 | बिहार | 104,099,452 | 128,500,364 |
4 | पश्चिम बंगाल | 91,276,115 | 100,896,618 |
5 | आंध्र प्रदेश | 84,580,777 | 91,702,478 |
6 | मध्य प्रदेश | 72,626,809 | 85,002,417 |
7 | तमिलनाडु | 72,147,030 | 83,697,770 |
8 | राजस्थान | 68,548,437 | 79,502,477 |
9 | कर्नाटक | 61,095,297 | 69,599,762 |
10 | गुजरात | 60,439,692 | 70,400,153 |
11 | ओडिशा | 41,974,218 | 47,099,270 |
12 | केरल | 33,406,061 | 34,698,876 |
13 | झारखंड | 32,988,134 | 40,100,376 |
14 | असम | 31,205,576 | 35,998,752 |
15 | पंजाब | 27,743,338 | 30,501,026 |
16 | छत्तीसगढ़ | 25,545,198 | 32,199,722 |
17 | हरियाणा | 25,351,462 | 28,900,667 |
18 | दिल्ली | 16,787,941 | 19,301,096 |
19 | जम्मू-कश्मीर | 12,541,302 | 14,999,397 |
20 | उत्तराखंड | 10,086,292 | 11,700,099 |
21 | हिमाचल प्रदेश | 6,864,602 | 7,503,010 |
22 | त्रिपुरा | 3,673,917 | 4,184,959 |
23 | मेघालय | 2,966,889 | 3,772,103 |
24 | मणिपुर | 2,855,794 | 3,436,948 |
25 | नागालैंड | 1,978,502 | 2,073,074 |
26 | गोवा | 1,458,545 | 1,521,992 |
27 | अरुणाचल प्रदेश | 1,383,727 | 1,711,947 |
28 | पुडुचेरी | 1,247,953 | 1,646,050 |
29 | मिजोरम | 1,097,206 | 1,308,967 |
30 | चंडीगढ़ | 1,055,450 | 1,158,040 |
31 | सिक्किम | 610,577 | 658,019 |
32 | अंडमान और निकोबार द्वीप | 380,581 | 399,001 |
33 | दादरा और नगर हवेली | 343,709 | 453,008 |
34 | दमन और दीव | 243,247 | 320,989 |
35 | लक्षद्वीप | 64,473 | 66,001 |
ये थी भारत की जनसंख्या (India population 2023) वृद्धि की छोटी लेकिन बेहद एहम जानकारी जहाँ भारत बना विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश लेकिन सरकार जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए जल्द की जनसंख्या कानून लाने वाली है जो देश की अर्थव्यवस्था और गरिमा दोनों को बनाए रखने मे मदद करेगा ।
जनसंख्या का मुद्दा सिर्फ भारत मे ही नहीं बल्कि विश्व का मुद्दा है इसलिए हर वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है ।
विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day)
विश्व की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुये संयुक्त राष्ट्र संघ हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) मनाने की घोषण की विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को ही इसलिए मनाया जाता है क्यूंकि 11 जुलाई, 1987 को ग्लोबल जनसंख्या यानि विश्व की जनसंख्या 5 अरब हो गई थी, संयुक्त राष्ट्र संघ ने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता प्रकट की और इसके बाद 11 जुलाई 1989 को संयुक्त राष्ट्र में बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रण करने और परिवार नियोजन को लेकर लोगों में जागरुकता (Awareness) लाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
विश्व जनसंख्या दिवस का प्रमुख्य उद्देश्य विभिन्न जनसंख्या मुद्दों पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है जैसे कि परिवार नियोजन (Family planning), लिंग समानता (Gender Equity) , गरीबी , मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों का महत्व। हर वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस की एक थीम रखी जाती है बीते वर्ष 2022 मे World Population Day का थीम था ”8 अरब लोगों की दुनिया” इस वर्ष फिलहाल कुछ खुलासा नहीं किया गया है ।
FAQ
Q – विश्व का सबसे आबादी वाला देश कौन सा है ?
Ans – भारत
Q -2023 में भारत की आबादी कितनी है ?
Ans – 142.3 करोड़
Q – 2023 में चीन की आबादी कितनी है ?
Ans – 141.2 करोड़
Q – भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य कौन सा है ?
Ans – उत्तर प्रदेश
Q – विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया जाता है ?
Ans – 11 जुलाई
Q – भारत की जनसंख्या वृद्धि दर कितनी है ?
Ans – 1.19%
Q – भारत की जन्मदर कितनी है ?
Ans – 19.3
Q – भारत की मृत्यु दर कितनी है ?
Ans – 7.3