हिन्दी दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा मे से एक है,विश्व आर्थिक मंच के अनुसार हिन्दी विश्व की 10 सबसे शक्तिशाली भाषाओं मे से एक है और 2050 तक हिन्दी सबसे शक्तिशाली भाषा मानी जाएगी ।
भारत की प्रमुख भाषा हिन्दी है जहां तकरीबन 53 करोड़ से भी ज्यादा लोग हिन्दी बोलते है । दुनिया के 150 देशों मे हिंदीभाषी लोग रहते है ।
वर्तमान मे हिन्दी बोलने वाले को कम पढ़ा लिखा कहा जाता है अगर आपको English आती है तो आपकी इमेज हिन्दी भासी व्यक्ति से ज्यादा अच्छी होती है ।
ऐसा वहाँ होता है जहां भाषा का कद्र नहीं एक Hindi बोलने वाले भी उतने ही जानकार होते है जीतने अच्छे English बोलने वाले फिर ये भेदभाव क्यूँ ?
शायद इस बदलते भारत मे वो लोग बहुत पीछे है जो भाषा के आधार मे योग्यता का चुनाव करते है अगर आपको English नहीं आती तो आप ये ना सोचे की आपके Hindi बोलने से आपको नौकरी नहीं मिलेगी या आपका कही सम्मान नहीं होगा बल्कि अपनी भाषा को अपनी ताकत बनाइये और बेबाक निर्भीक हो कर हिन्दी बोले ।
Google Search Engine के अनुसार दुनिया मे Internet पर Hindi भाषा मे Search करने वाले लोगो की संख्या करोड़ो मे है लेकिन Hindi भाषा मे उपलब्ध लेख लाखों मे भी नहीं है । ऐसे मे अगर आप Hindi भाषी है तो आपको गर्व होना चाहिए की आप हिन्दी के जानकार है । जितनी जरूरत English की है उतनी ही जरूरत Hindi की भी है इसलिए English के साथ साथ आप अपने बच्चों को हिन्दी भाषा की भी जानकारी दें ।
आइये इस Hindi दिवस संकल्प ले की ” हिन्दी बोलने से न शर्माये न घबराएँ क्यौंकि योग्यता आपके अंदर है आपके भाषा मे नहीं “
Happy हिन्दी दिवस Hindi Diwas World Hindi Day
हिन्दी की इसी महत्व को ध्यान मे रखते हुये प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को पूरे देश मे हिन्दी दिवस मनाया जाता है और भारत की प्राचीन भाषा को दुनिया मे शिखर मे पहुचाने का संकल्प लिया जाता है । इस दिन पुरोधा व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था, जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंहा ने अथक प्रयास किए। 14 सितंबर 1949 से ही यह दिवस पूरे भारत देश मे मनाया जाता है । इसे world Hindi day (विश्व हिन्दी दिवस ) के रूप मे भी मनाया जाता है जिसे 1975 से पूरे विश्व मे हिन्दी भाषा के सम्मान मे मनाया जाता है ।
कैसे हुई हिन्दी भाषा की शुरुआत
हिन्दी की उदभव संस्कृत से हुआ जिसे सबसे प्राचीन भाषा माना गया है । संस्कृत मे ही वेद पुराण रामायण महाभारत लिखी गई और यही आदीभाषा थी । इसके बाद धीरे धीरे संस्कृत बोल चाल की भाषा बन गई । भगवान बुद्ध ने भी संस्कृत को अपने उपदेशों मे प्रयोग करने लगे। धीरे धीरे संस्कृत के कठिन शब्द लोगों के बोलचाल मे अपभ्रंश होने लगे यानि बिगड़ने लगे जिसने हिन्दी का रूप ले लिया आज यही अपभ्रंश भाषा दुनिया की सरल भाषा बन चुकी है । चूंकि हिन्दी की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है इसलिए हिन्दी मे कई सारे शब्द संस्कृत के आते है ।
हिन्दी की सबसे बढ़ी और बेहद आश्चर्यजनक बात यह है की वर्तमान मे हम ये कहते है की हम हिन्दी बोलते है हमारी भाषा हिन्दी है लेकिन क्या आप जानते है की कई सारे ऐसे शब्द है जो मूल रूप से हिन्दी नहीं है जैसे मेज ,कुर्सी ,किताब ,मोबाइल,दीवार ,फर्श ………लेकिन फिर भी हम इसे हिन्दी समझ कर मूल रूप मे प्रयोग करते है यही खशियत है हिन्दी की जो हर भाषा को अपने मे समा लेती है और अपने व्याहरिकता और सरलता को बरकरार रखती है ।
अब आपके मन ये सवाल जरूर आ रहा होगा की हिन्दी को आखिर
हिन्दी ही क्यों कहते है ?
तो इसका जवाब भी सरल और आश्चर्यजनक है आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की हिन्दी शब्द एक फारसी शब्द है जिसे संस्कृत के सिंधु शब्द से लिया गया था । सिंधु शब्द सिंध नदी से लिया गया जिसके आस पास के इलाके को सिंधु कहा गया और भारत का प्राचीन नाम सिंधुस्तान भी है । चूंकि प्राचीन काल मे भारत मे ईरानी लोग भारत के अधिकतर इलाकों के वासी थे तो ये सिंधु शब्द ईरानी में जाकर ‘हिंदू’, हिंदी और फिर ‘हिंद’ हो गया। क्यूंकि इरानियों की प्राचीन भाषा थी अवेस्ता जिसमे ईरानी लोग अपने बोल चाल मे ” स “की जगह “ह ” का प्रयोग करते थे जैसे संस्कृत के ‘असुर‘ शब्द को वहाँ ‘अहुर‘ कहा जाता था। इसलिए स बन गया ह और इस प्रकार धीरे धीरे हिन्दी भाषा की उत्पत्ति और इसका विस्तार हो गया।
हिन्दी का रूप
हिन्दी को कई नाम से जाना जाता है अगर हिन्दी की संधिव्छेक करें तो हिन्द+ईक यानि हिन्द का जिसका मतलब जो देश की देशी भाषा हो इस प्रकार कर नाम से जाना जाने लगा
- देशी भाषा
- विश्वी
- हिन्दवी
- रेख्ता
- दक्खिनी
- खड़ी बोली
हिन्दी बोल चाल की शैलियाँ
भारत और अन्य देशों मे कई हिन्दी को कई तरह से बोला जाता है भारत के कई अलग अलग इलाकों के लोगों की हिन्दी अलग अलग है आप इस प्रकार समझ सकते है ।
उच्च हिन्दी –
हिन्दी जिसकी लिपि देवनागरी है इसमें संस्कृत भाषा के कई शब्द है, जिन्होंने फ़ारसी और अरबी के कई शब्दों की जगह ले ली है। इसे शुद्ध हिन्दी भी कहते हैं। आजकल इसमें अंग्रेज़ी के भी कई शब्द आ गये हैं (ख़ास तौर पर बोलचाल की भाषा में)। यह खड़ीबोली पर आधारित है, जो दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जाती थी।
दक्खिनी
जिसे दक्षिण की भाषा भी कह सकते है उर्दू-हिन्दी का वह रूप जो हैदराबाद और उसके आसपास की जगहों में बोला जाता है। इसमें फ़ारसी-अरबी के शब्द उर्दू की अपेक्षा कम होते हैं।
रेख़्ता
हिन्दी का रूप आप उर्दू के शायरी मे देख सकते है जिसका प्रयोग शायर कवि अपने कविताओं और शायरी मे करते है।
उर्दू
हिन्दवी का वह रूप जो देवनागरी लिपि के बजाय फ़ारसी-अरबी लिपि में लिखा जाता है। इसमें संस्कृत के शब्द कम होते हैं, और फ़ारसी-अरबी के शब्द अधिक। यह भी खड़ीबोली पर ही आधारित है।
भारत मे कहाँ सबसे अधिक हिन्दी बोली जाती है
भारत के इन राज्यों मे बोली जाती है सबसे ज्यादा हिन्दी
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली। इन राज्यों के अतिरिक्त महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हिन्दी भाषी राज्यों से लगते अन्य राज्यों में भी हिन्दी बोलने वालों की अच्छी संख्या है।
इस प्रकार हिन्दी और उर्दू दोनों को मिलकर हिंदुस्तानी भाषा कहा गया है जिसमे दैनिक बोल चल मे हिन्दी और उर्दू दोनों का प्रयोग होता है । जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान मे उर्दू बोलने वाले की संख्या ज्यादा है ।
तो अगर आप हिन्दी भाषी है तो आप उन सफलतम व्यक्ति के भीड़ मे जिन्होने हिन्दी के जरिये अपनी एक अलग पहचान बनाई मशहूर हास्य अभिनेता कपिल शर्मा जिन्हे English नहीं आती जो हमेसा हिन्दी मे बात करना पसंद करते है ,महानायक अमिताभ बच्चन जिनकी हिन्दी पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध है ,पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वजपायी जिन्होने सयुक्त राष्ट्र मे हिन्दी मे भाषण दिया ,स्वामी वेवकानंद ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे कई प्रसिद्ध व्यक्ति English मे नहीं बल्कि हिन्दी के लिए जाने जाते है ।
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