Hello Friends भारत मे Election का माहौल है हर तरफ चुनाव की चर्चा है ये माहौल हर 5 साल मे एक बार आती है जब देश मे सभी Voters ,Political Leaders , Political Parties , Indian Election Commission एक साथ Busy हो जाते है –
आइये जानते है कैसे होता है दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश भारत मे General Election
भारत मे कुल 90 करोड़ मतदाता है जो इस बार Loksabha Election 2019 मे शामिल होंगे जो 11 April से शुरू होकर 19 May तक कुल 6 चरणो मे 543 सीटों के लिए Election होगा और अंत मे 23 May को ये घोषित होगा कि Indians voters ने किसे दुनिया के सबसे बड़े Democratic देश का शासक चुना है –
आइये जनके है देश मे कब और कहाँ होंगे General Election 2019
भारत का सविधान तकरीबन 70 साल पुराना है तो दुनिया के सबसे बड़े Democratic Country,India मे
कैसे होता है Election का आयोजन ? कितना होता है खर्च ? आइये जानते है पूरी Information –
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तकरीबन 90 करोड़ मतदाता 2019 मे होने वाले General Election मे शामिल होंगे जो 2014 मे हुए Election से ज्यादा है जाहीर है अधिक मतदाता है तो खर्च भी ज्यादा होगा । 2014 मे हुये Election को अब तक का सबड़े महंगा Election माना जाता है । जहां 1951 से 1977 तक हुये Loksabha Election का खर्च 1 रूपये से भी कम था वही 2014 मे ये बढ़ कर 46 रुपए से भी ज्यादा हो गया ।
Times of India मे छपी एक खबर के अनुसार भारत मे देश मे सबसे सस्ता Election 1957 मे हुआ जिसमे सिर्फ 10 करोड़ रुपए खर्च हुये ये देश का दूसरा Loksabha Election था । 2014 मे हुये Election को सबसे महंगा चुनाव माना जाता है जिसमे कुल 3870 करोड़ खर्च हुये ।
अब आप सोचोगे OMG इतना खर्चा ?
हाँ ये भी जानिए कैसे होता है इतना खर्च इस खर्च में Poling booth (मतदान केंद्र) की स्थापना, Poling Booth के कर्मचारियों और Votes की Counting करने वाले लोगों का Payments, मतदान केंद्र और मतगणना केंद्र पर लगने वाले अस्थायी टेलीफोन फैसिलिटी लगाने, पक्की स्याही और अमोनिया पेपर खरीदने का खर्च शामिल है।
अब तक चुनावों में इतना रहा है खर्च
वर्ष, खर्च (करोड़ रुपए में)
Year Expanxes in Cr.
1951-52 10.45
1957 5.9
1962 7.32
1967 10.8
1971 11.62
1977 23.04
1980 54.77
1984 81.51
1989 154.22
1991 359.1
1996 597.34
1998 666.22
1999 947.68
2004 1016.09
2009 1114.38
2014 3870.35
कैसे बढ़ता है Voting का खर्च ?
जैसे-जैसे आबादी बढ़ती है और वोट करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा होता है, Election Commission को ज्यादा मतदान और मतगणना केंद्र स्थापित करने पड़ते हैं। यहां अधिक लोगों को तैनात किया जाता है। अधिक वोटिंग मशीनें व स्याही खरीदनी पड़ती है। ऐसे में Election Commission पर खर्च बढ़ता है। इन सब खर्चों को कुल मतदाताओं में बांटने पर प्रति वोटर खर्च आता है। देश में इस साल 90 करोड़ मतदाता (Voters) मतदान करेंगे। यह आंकड़ा अमेरिका, ब्राजील और इंडोनशिया की कुल आबादी से भी ज्यादा है। यह देश दुनिया के तीसरे, चौथे और पांचवे सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं।
प्रति वोटर खर्च
वर्ष, खर्च (रुपए में)
तो डालिए Vote और हिस्सा बनिए दुनिया के सबसे बड़ी लोकसभा चुनाव का
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