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आसमानी बिजली कैसे गिरती है What is Sky Lighting in Hindi

बारिश का मौसम,प्रकृति का ऐसा रूप जो कभी बेहद खूबसूरत लगता है तो कभी भयावह,हमे हर वर्ष प्रकृति का ये रूप देखने को मिलता है इस दौरान निचले इलाके मे अत्यधिक बारिश बाढ़ (Flood) का रूप लेती है तो कही बिजली गिरने की घटना कई लोगों की जान ले लेती है । बाढ़ आने का कारण तो हम सब जानते है और इससे आप खुद को बचा भी सकते है लेकिन बारिश की बिजली जिसे आसमानी बिजली या बज्रपात, ठनका ,तड़का भी कहते है,अगर आप इसके चपेट मे आ गए तो आपका बच पाना नामुमकिन है । What is Sky Lighting in Hindi

तो आइये बेहद आसान और सरल भाषा मे जानते है और समझते है की बज्रपात क्या है ? क्यूँ गिरती है ?कैसे बनती है ये आसमानी बिजली ? इन्सानों के लिए ये कितना खतरनाक है ? कैसे करे इससे बचाव ? इस Article मे आपको इन सभी सवालो के जवाब सरल तरीके से मिलेगी ।

बज्रपात या आसमानी बिजली क्या है

What is Sky lighting?

आसमानी बिजली जिसे English मे Sky Lighting या Thunder और हिन्दी मे बज्रपात,ठनका ,तड़का,आसमानी बिजली या अन्य नामों से जानते है । ये अक्सर बरसात के मौसम मे दिखती है मूसलाधार बारिश के दौरान आसमान मे बिजली जैसी चमक के साथ जोरदार आवाज सुनाई देती है ये रोशनी ऐसी होती है जैसे किसी बिजली के खंबे मे शॉर्ट सर्किट हो गई हो । कहा जाता है आसमानी बिजली की चमक

ये प्रकृति की सबसे भयानक और अनसुलझी आपदाओं मे एक है और हर वर्ष 1.5 करोड़ से  भी ज्यादा बार बिजली पैदा होती है । धरती पर प्रतिदिन तकरीबन 1800 बार बिजली गिरती है ये ज्यादा तर गर्मी और बरसात के मौसम के दोपहर(Afternoon) और शाम (Evening) के वक़्त अधिक गिरती और चमकती है ।

बारिश के मौसम मे जब आसमान बादलों घिरे रहते है तब अक्सर ज़ोरदार चमकदार बिजली चमकती है और ज़ोर की आवाज होती है ऐसा लगता है जैसे किसी ने शक्तिशाली बम के गोले दाग रहें हो । ये आवाज और रोशनी बादलों के बीच होने वाले घर्षण से पैदा होती है । 

आसमानी बिजली कैसे पैदा होती है ?

How to Produced Thunder?

इसे आप इस प्रकार समझ सकते है ,

अक्सर आप अपने घर पे उपयोग होने वाले बिजली के Wire को देखा होगा जो दो Wires को जोड़ कर बनाया जाता है इन दो Wires मे एक का रंग Red या Yellow और दूसरे का रंग Green या Black होता है ,इनमे से एक +Ve (Positive) होता है और दूसरा –Ve (Negative) होता है ,अगर आप इन दोनों Wires को एक दूसरे के संपर्क पे लाएँगे तो एक चिंगारी सी निकलेगी और थोड़ी आवाज भी आएगी और इसी चिंगारी को अगर अपने छु लिया तो आपको जोरदार बिजली का झटका लगेगा लेकिन अगर आप चप्पल पहने है या फिर ऐसे किसी चीज पर खड़े है जिसमे बिजली प्रभावित नहीं होती जैसे लकड़ी के कोई मेज तो आपको वो झटका नहीं लगेगा लेकिन अगर आप सीधे धरती के संपर्क मे है तो इन दोनों मे से किसी भी Wire को छूने की गलती भी नहीं कीजिये शायद इसलिए अक्सर बड़े बुजुर्ग आपको कहते होंगे की बिजली का काम खाली पाँव मत करना । 

  

दूसरे उदाहरण मे आप कुछ इस प्रकार समझिए –

कभी अपने देखा होगा या फिर ये किया भी होगा की किसी बाल झाड़ने वाले कंघी को अपने सूखे बालों मे रगड़ने के बाद जब आप किसी कागज के टुकड़े के करीब ले जाएंगे तो वो कागज के टुकड़े उस कंघी मे चुंबक की भांति चिपक जाएगी ऐसा इसलिए होता है की जब आप कंघी को अपने बालों मे रगड़ते है तो उसके कुछ –Ve

अब इसी प्रकार समझिए Thunderstorm) को – जैसा की आप जानते है की आसमान मे पानी के बर्फीले कणों का एक गोला है जिसे हम बादल कहते है ,बारिश के मौसम मे जब ये बादल आपस मे टकराते है तो इसके घर्षण से –Ve और +Ve दोनों चार्ज बनते है इसलिए जब ये दोनों चार्ज आपस मे टकराती है तो बिजली पैदा होती है लेकिन इससे आवाज नहीं होती ,आवाज तब होती है जब ये बिजली धरती पर गिरती है । कैसे ? आइये जानते है आगे

घर्षण से उत्पन्न +Ve और –Ve चार्ज मे Positive Charge हल्के होने के कारण बादलों मे खो जाते है लेकिन इसका Negative charge,+Ve की तलाश मे ये बिजली नीचे धरती की तरफ बढ़ती है,चूंकि ये बिजली बेहद गर्म होती है जिसका तापमान तकरीबन सूर्य के बाहरी परत जितना होता है तकरीबन 27000 डिग्री सेल्सियस आसमान से धरती पर आने के दौरान ये हवा के संपर्क मे आती है और इस बिजली के आसपास की हवा गर्म हो जाती है इसलिए जोरदार आवाज सुनाई देती है । 

आसमान से धरती पर बिजली का आना ही बिजली का गिरना कहलाता है ।

बिजली अक्सर खुले मैदान या किसी ऊंचे पेड़ पर गिरती है क्यूंकि ऐसे जगहों पर Positive Charge ज्यादा होती है ,Physics यानि भौतिकी शास्त्र मे Positive Charge को Proton और Negative Charge को Electron कहते है।

आसमानी बिजली तीन तरीके से चमकती है

बादलों के बीच होने वाले इस घटना पर अब विश्व के बड़े बड़े वैज्ञानिक research कर रहे है ।

अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की ये आसमानी बिजली यानि बज्रपात कितना खतरनाक है ।

तो जरा सोचिए अगर ये बिजली आपके ऊपर गिर गई तो क्या होगा …!!!!!!!! ? पूरी दुनिया मे 10% ही लोग ऐसे है जो आसमानी ली गिरने के कारण मर गए हों ,लेकिन बाँकी के 90% लोग जिन पर बिजली गिरती है वो मानसिक शारीरिक रूप से विकलांग हो जाते है ऐसा कम देखा गया है की किसी पर बिजली गिरी हो और उसे कुछ न हुआ हो ……इसका मतलब ये की अगर ये बिजली किसी इंसान पर गिर गई तो उसका बच पाना नामुमकिन है । तो आइये जानते है की क्या होगा अगर गिर गई किसी जीवित इंसान पर 2 करोड़ वाल्ट की बिजली !!!!!!!? 

आसमानी बिजली भले ही खतरनाक हो लेकिन ये Second के हजारवें या पाँच सौवें भाग तक ही रहती है इतना कम समय जैसे आप किसी गर्म तावे को छु कर झट से हट जाते हों ……लेकिन बज्रपात की गर्मी किसी गर्म तवे जितनी नहीं होती इसमे 27000 डिग्री सेलिसियस जितनी गर्मी होती है जो किसी भी चीज को राख मे मिलाने के लिए काफी है ।

अब अगर कोई इंसान इसके चपेट मे आ गए तो वो इससे पहले की कुछ समझ पाये खुद को संभाल पाये आसमानी बिजली अपना काम कर देती है और Second के उस हजारवें हिस्से मे ही उस इंसान की जिंदगी छिन लेती है चली जाती है । 

लेकिन फिर भी अगर कोई इंसान इससे बच गया तो उसके कान के पर्दे फट सकते है ,शरीर का कोई अंग मे लकवा हो सकता है या फिर वो अपना मानसिक हालत खो सकता है । क्यूंकि जब बज्रपात किसी इंसान के शरीर को छूती है तो वो किसी एक जगह से गुजर कर शरीर के दूसरी जगह से निकाल जाती है और अपने पीछे गहरे निशान छोर जाती है ।

आइये जानते है अगर ऐसा मौसम आए तो इससे बचें कैसे

आसमानी बिजली (Thunder) से कैसे बचें ?

भारत मे सबसे ज्यादा बिजली कहाँ गिरती है ?

यूं तो भारत के सभी इलाकों मे बिजली गिरने की घटना होती है लेकिन भारत के उत्तर पूर्वी भाग मे अधिक गिरती है जिसमे बिहार,

वर्ष 2020 के बीते कुछ महीनों मे बिहार के एक ही दिन मे 100 से भी ज्यादा लोग ठनका यानि बज्रपात गिरने से मारे गए । ये सभी सुदूर ग्रामीण इलाके के रहने वाले किसान थे जो खेतों मे काम कर रहे थे ,चूंकि मॉनसून के मौसम मे खरीफ फसल बोने का वक्त होता है इसलिए खेतों मे किसानों की मौजूदगी अधिक होती है ,लेकिन प्राकृतिक की इस भयानक आपदा ये देख कर नहीं आती ।

लेकिन अगर आप सही समय पर खुद को सुरक्षित स्थान पर सुरक्षित कर लें तो आप आसमानी बिजली के कहर से बच सकते है । ऐसा देखा गया है की आसमानी बिजली की घटना महिलाओं मे कम और पुरुषों के साथ अधिक होती है

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