जिस प्रकार माँ को इस सृष्टि का आधार माना गया है वही पिता को इस धरती का सहारा मनाया गया है इसलिए हर वर्ष सहनशीलता की मूर्ति कहे जाने वाले दुनिया के हर पिता (Father) के सम्मान मे Fathers Day मनाया जाता है। आइये जानते है क्यूँ और कब मनाते है Fathers Day और जीवन मे पिता का साया क्यूँ जरूरी है । 

Father’s Day

Fathers Day 20 वी सदी से मनाई जाती है ये दिन Mothers Day के पूरक के रूप मे भी मनाया जाता है जिस प्रकार मातृ शक्ति और सम्मान के लिए Mothers Day मनाया जाता है उसी प्रकार पिता के सम्मान और अपने पूर्वजो की याद मे हर वर्ष जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है,हर देश मे इसे अलग अलग तारीखों मे मनाया जाता है।

Father’s Day की शुरुआत कब हुई

ऐसा माना जाता है  6 दिसम्बर 1907 को मोनोंगाह, पश्चिम वर्जीनिया में एक खान दुर्घटना में 210 मजदूर मारे गए थे जो किसी न किसी के पिता थे इन्हीं पिताओं के सम्मान में पश्चिम वर्जीनिया के फेयरमोंट में 5 जुलाई 1908 को पहला Fathers Day मनाया गया था। इस विशेष दिवस का आयोजन श्रीमती ग्रेस गोल्डन क्लेटन ने किया था। प्रथम फादर्स डे चर्च आज भी सेन्ट्रल यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च के नाम से फेयरमोंट में मौजूद है।

Father’s Day क्यूँ मनाई जाती है

दूसरी तरफ एक और धारणा है की इसे 1910 मे पहली बार Young Men’s Christian Association (YMCA) के द्वारा  Spokane, Washington मे Sonora Smart Dodd ने मनाया जो की अमेरीकन सैनिक  William Jackson Smart की बेटी थी जिसने देश के लिए लड़ते लड़ते भी अकेले अपने परिवार का भरण पोषण करता था । उसके जाने के बाद इसकी बेटी ने अपने पिता के सम्मान के लिए इक आयोजन करने की पेशकश की और YMCA के युवा कार्यकर्ता ने प्रस्ताव स्वीकार किया और उनके याद मे सभी सदस्य गुलाब फूल लगा कर चर्च गए ,लाल गुलाब जीवित पिता के सम्मान मे और सफ़ेद गुलाब मृत पिता के सम्मान मे लगाए गए और घर घर जा कर बीमारी के कारण घरो मे रह रहे पिताओं को उपहार और फूल बांटे । 

इसे आधिकारिक छुट्टी बनाने में कई साल लग गए। YMCA, YWCA  तथा चर्च के समर्थन के बावजूद Fathers day के कैलेंडर से गायब होने का डर बना रहा। जहां Mothers day को उत्साह के साथ मनाया जाता वहीं  Fathers Day की हँसी उड़ाई जाती धीरे धीरे छुट्टी को समर्थन मिला लेकिन गलत कारणों के लिए। यह स्थानीय अखबार के चुटकुलों सहित व्यंग्य, पैरोडी तथा उपहास का पात्र बन गया । बहुत से लोगों ने इसे कैलेंडर को विचारहीन प्रोत्साहन से भरने के पहले कदम के रूप में देखा। 

कई वर्षो के प्रयासो और अनेकों सभाओं के बाद 1966 में, अमीरीका राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने प्रथम राष्ट्रपतीय घोषणा जारी कर जून महीने के तीसरे रविवार को पिताओं के सम्मान में, फादर्स डे के रूप में तय किया।

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छह साल बाद 1972 में वह दिन आया जब राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस कानून पर हस्ताक्षर किये और यह एक स्थायी राष्ट्रीय छुट्टी बना। उसके बाद धीरे धीरे पूरी दुनिया मे Fathers Day अलग अलग तारीखों मे मनाया जाने लगा । 

Fathers Day के अलावा, कई देशों में 19 नवम्बर को International Male Day (अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस) मनाया जाता है, ऐसे पुरुषों और लड़कों के सम्मान में जो पिता नहीं हैं।

आंकड़ो मे नजर डालें तो Fathers Day पूरे साल मनाया जाता है । 6 जनवरी से शुरू होकर 26 दिसम्बर तक दुनिया के अलग अलग देशों मे अलग अलग तारीखों मे मनाई जाती है ।ज़्यादातर देशों मे ये जून के दूसरे और तीसरे रविवार को मनाया जाता है । 

भारत मे Fathers Day कब मनाया जाता हैं  

भारत मे Fathers Day जून की तीसरी रविवार को मनाया जाता है  भारत मे ये ज्यादा प्रचलित नहीं है लेकिन शहरों मे रहने वाले कुछ लोग इस दिन अपने पिता को उपहारों और फूल देकर सम्मानित करते है। 

चूंकि भारत मे ज्यदातर लोग हिन्दू धर्म को मानते है इसलिए हिन्दू धर्म मे Fathers Day को धार्मिक तरीके से भी मनाया जाता है इसमे लोग अपने पूर्वजों को याद करते है और साथ ही वैदिक परम्पराओं अनुसार जल देने का विधान है जिससे पूर्वज संतुष्ट होते हैं और उनकी आशीष अपने वंशजों को मिलती है। इस दौरान हिन्दू  धर्म के लोग पूरे एक महीने पुजा अर्चना करते है इस एक महीने को पितृपक्ष कहा जाता है यह प्रथा भारत और नेपाल मे ज्यादा प्रचलित है जहां हिन्दू की आबादी ज्यादा है । 

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By Knowledge Panel

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