Monday, December 23, 2024
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UPPSC RO ARO Exam Pattern : यूपीपीएससी आरओ-एआरओ परीक्षा का नया पैटर्न

UPPSC RO ARO Exam Pattern : UPPSC RO ARO Exam 2023 : UPPSC RO ARO New Exam Pattern in Hindi : UPPSC RO ARO Syllabus 

UPPSSC यानि उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा RO ARO Exam का आयोजन किया जाता है वर्ष 2023 की ये परीक्षा का आयोजन  22 दिसंबर, 2024 को किया जाना प्रस्तावित है लेकिन यूपीपीएससी समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती 2023 (UPPSC RO ARO) परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया है। जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, उन्हें किसी भी असुविधा से बचने के लिए इस बदलाव के बारे में जान लेना चाहिए। आइये जानते है क्या है ये बदलाव –

यूपीपीएससी आरओ और एआरओ परीक्षा के नए पैटर्न क्या है (UPPSC RO ARO Exam Pattern)

UPPSC बोर्ड के द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, अब RO – ARO की परीक्षा के में एक ही प्रश्न पत्र होंगे। पहले General Stadies और Hindi के दो अलग-अलग प्रश्न पत्र होते थे। साथ ही अब दो की जगह तीन घंटे की परीक्षा होगी। एक प्रश्न पत्र में ही सामान्य अध्ययन 140 और हिंदी के 60 प्रश्न होंगे।

पुराना UPPSC RO ARO Exam Pattern क्या था

पहले दो पेपर होते थे। पहला पेपर सामान्य ज्ञान का होता था, जिसमें 140 प्रश्न पूछे जाते थे। सभी प्रश्न Objectives टाइप के होते थे, जिसके लिए 2 घंटे का समय मिलता था।  इसके बाद, पेपर 2 सामान्य Hindi का होता था, जिसमें 60 प्रश्न पूछे जाते थे। जिनका कुल अंक 60 होता था। सभी प्रश्न Objectives ऑब्जेक्टिव टाइप के होते थे। जिसके लिए 60 मिनट का समय मिलता था।

UPPSC RO ARO Exam का नया Pattern क्या है ?

पहले दो अलग अलग पेपर होते थे जैसा की ऊपर बताया गया है लेकिन नए परीक्षा पैटर्न मे ये दोनों अलग अलग नहीं होंगे जबकि दोनों Paper यानि General Staudies और General Hindi एक साथ एक ही Question Paper मे होंगे और समय 3 घंटे का होगा

RO -ARO की प्रारंभ परीक्षा का पेपर 11 फरवरी 2024 को लीक हो गया था, जिसके बाद अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। प्रारंभिक जांच में भी पेपर लीक होने की पुष्टि हुई। इसके बाद, आयोग ने दोबारा परीक्षा कराने का फैसला किया। आयोग के कैलेंडर में यह परीक्षा 22 -23 दिसंबर को प्रस्तावित है।

क्या है UPPSSC Students की मांग

छात्र  Pre Exam 21 -22 दिसम्बर को और Normalisation लागू होने का विरोध कर रहे है वे One Day One सिफ्ट और बिना किसी Normalisation के Exam देने की मांग कर रहे है । एक दिन, एक शिफ्ट, नॉर्मलाइजेशन नहीं ” की जिद पर अड़े अभ्यर्थी ।

नॉर्मलाइजेशन क्या होता है ? Normalisation kya hota hai

नॉर्मलाइज़ेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल, एक से ज़्यादा शिफ़्टों में आयोजित परीक्षाओं के लिए किया जाता है ।

इस प्रक्रिया के जरिये सभी सिफ्ट मे शामिल हुये अभ्यर्थी  के अंको को एक समान किया जाता है इस प्रक्रिया के जरिये ये पता चलता है की आयोजित की गई परीक्षा कितना कठिन था और इस आधार पर अंक निर्धारित किए जाते है इसे किसी के बीच टाई होने से बचा जा सकता है और इसमे उतिर्ण होने का चास अधिक होता है ।

मान लीजिए, परीक्षा के पहले दिन पेपर कठिन था तो इस पर अनुमान लगाया गया कि पेपर में यदि कोई अभ्यर्थी 70 नंबर भी ले आया तो उसे 100 नंबर मान लिया जाएगा।

 

 

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