Thursday, November 21, 2024
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Onam 2024 ; Onam Kyu Mnaya Jata hai ; Happy Onam 2024

पर्व त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है बीते कुछ दिनों मे भारत और भारत के संस्कृति को मानने वाले सभी धर्मों के लोग हर त्योहार बड़े धूम धूम धाम से मनाते है ऐसे ही एक पर्व है ओणम जिसे भारत के केरल राज्य मे इसका विशेष महत्व है जिस प्रकार उत्तर भारत मे दिवाली बड़े धूम धाम से मनाई जाती है उसी प्रकार दक्षिण भारत मे ओणम बड़े धूम धाम से मनाया जाता है तो आइए जानते है ओणम क्यूँ मनाया जाता है Onam Kyu Mnaya Jata hai , Onam 2024, Onam date 2024, Happy Onam 2024 onam 2024
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ओणम क्या है ? (What is Onam)

ओणम केरल मे मनाया जाने वाला मुख्य त्योहार है यूं तो ये पूरे भारत मे मनाया जाता है लेकिन केरल मे इसका विशेष महत्व है ,ये पर्व हर वर्ध अगस्त से सितंबर के बीच मनाया जाता है । पूरे दस दिन चलने वाले इस पर्व मे केरल और इसके आसपास के इलाके मे विशेष आयोजन किया जाता है इसमे सर्प नौका दौड़ सबसे प्रसिद्ध है । इसके आलवे इस दौरान लोग अपने अपने घरों मे रंग बिरंगे रंगोली बनाते है और अपने घरों को सजाते है और तरह तरह के शाकाहारी पकवान बनाया जाता है । सनातन धर्म के मान्यता के अनुसार Onam का विशेष महतवा है इसके पीछे कई सारे कहानी प्रचलित है ।

ओणम क्यूँ मनाया जाता है ? (Onam Kyun Manaya jata hai )

ओणम मनाने के पीछे कई सारे कारणों का बखान किया गया है लेकिन सबसे मुख्य कारण राजा बाली के वापस आने के खुशी मे मनाया जाने का प्रधानता है । धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इस समय पर ही भगवान विष्णु ने स्वर्ग को असुर महाराजा महाबली से मुक्त करने के लिए वामन अवतार धारण किया था । कुछ राज्यो में इस त्यौहार को वामन जयंती के नाम से भी जाना जाता हैं।




इसके संदर्भ मे एक कहानी प्रचलित है की प्राचीन काल मे राजा बाली नाम का एक असुर राजा हुआ करता है , था तो वो असुर लेकिन प्रजा के बीच इसकी अच्छी छवि थी क्यूंकी ये हमेशा प्रजा के भलाई के लिए सोचता था इसलिए लोग इन्हे भगवान की तरह पूजते थे । राजा बली ने उस दौरान कई तपस्या और सधाना के बल बार अनेकों शक्तियाँ प्राप्त कर ली थी ।

माना जाता है की कोई भी देव या मनुष्य इसे नहीं मार सकता था इसने भगवान इन्द्र का स्वर्ग लोक पर भी विजय प्राप्त कर इन्द्र को अपने कब्जे मे कर रखा था,इंद्र की खराब स्थिति को देखते हुए उनकी माता अदिति ने अपने पुत्र की रक्षा के लिए भगवान विष्णु की आराधना शुरू कर दी, आराधना से खुश होकर भगवान विष्णु से अदिति से वादा किया की वह इंद्र का उद्धार करेंगे और उन्हें उनका खोया हुआ राजपाट वापस दिलवाएंगे, इसलिए भगवान विष्णु ने कुछ समय बाद अदिति के गर्भ से वामन के रूप में जन्म लिया. यह भगवान का ब्रह्मचारी रूप था । भगवान विष्णु का ये वामन अवतार माना गया ।

महाबली स्थायी रूप से स्वर्ग का राजा बन कर रहना चाहता था इसलिए व एक विशाल यज्ञ करवा रहा था इसी यज्ञ मे भगवान विष्णु वामन अवतार मे वहाँ पहुँच गए और महा बाली ने उनका सत्कार किया और उनसे कहा की आप भेंट स्वरूप जो भी मांग करेंगे उन्हे आपको दिया जाएगा ,फिर श्रीहरी अवतार ने उन्हे तीन पग रखने की जगह मांगी इस पर बली ने मांग स्वीकार ली फिर श्रीहरी ने अपने पहले कदम से पूरे धरती को नाप लिया और दूसरे से आसमान नाम लिया लेकिन तीसरे कदम के लिए जगह नहीं बची तो राजा बली ने वचन निभाते हुये अपना सर झुकाया और तीसरा कदम उनके सर पर रखने को कहा लेकिन भगवान विष्णु के अनंत बल के कारण राजा बली पाताल लोक मे चले गए ।

जब राजा बली के प्रजा को इसकी सूचना मिली तो वे बेहद दुखी हुये क्यूंकी राजा बली अपने प्रजा का बेहद चाहिते थे, और सब प्रजा मिलकर भगवान विष्णु से उन्हे वापस लाने की आग्रह करने लगे भगवान विष्णु ने अपनी दयालुता दिखते हुये राजा बली को ये वरदान दिया की हर वर्ष एक बार किसी खास समय मे राजा बली अपने प्रजा से मिलने आएंगे । इस पर प्रजा खुश हुई और तब से हर वर्ष ओणम (Onam) के शुभ अवसर पर राजा बली के आगमन को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है ।

मान्यता यह भी है की जब महाबली प्रजा से मिलने आते हैं तब पूरे राज्य में हरियाली छा जाती हैं और प्रजा को सम्रद्धि प्राप्त होती है, इसलिए Onam के मौके पर सभी किसान भी खुशिया मानते है नैये फसल के आने पर ।

Onam 2024

अंग्रेजी कलेण्डर के अनुसार ओणम मनाने का समय अगस्त से सितम्बर के बीच में रहता हैं, इस साल 2024 में 6 सितंबर से शुरू हुआ है और 15 सितंबर तक मनाया जाएगा

ओणम कैसे मनाया जाता है 

ओणम पर्व केवल राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है, इस पर्व मे पहले और अंतिम दिन का विशेष महत्व है । यह त्यौहार केरल के प्रसिद्ध और इकलौते वामन मन्दिर त्रिक्का करा से शुरू होता हैं. इस मन्दिर के बारे में मान्यता हैं की इसे भगवान परशुराम ने बनवाया था । ओणम मे बनने वाले 20 पकवान को केले के पत्तों पर परोसा जाता है ओणम के इस थाली को संध्या थाली भी कहा जाता है ,ओणम के पहले दिन को उथ्रादम के नाम से जाना जाता हैं.।

इसके अलावा कई जगहों पर नौका दौड़ा, रंगोली बनाना, पुलि कलि अर्थात टाइगर स्टाइल का डांस और कुम्माईतीकलि यानी की मास्कं डांस जैसी प्रतियोगिताएं मनाई जाती हैं, इस तरह से यह त्यौहार काफी धूम धाम से मनाया जाता हैं , इसे फसल का त्योहार भी कहा जाता है ।

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अंत मे आप सभी को ओणम की हार्दिक सुभकमनाए Happy Onam 2024




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