Hello Friends भारत शुरुआत से ही किसानो का देश माना गया है प्राचीन काल से ही देश के अधिकतर लोग अपने जीवन यापन के लिए धान,बाजरा,मकई,गेहूं आदि की खेती करते आ रहे है और अच्छी ख़ासी कमाई कर रहे है लेकिन वर्तमान के देश के किसानो की स्थिति पहले जैसे नहीं रही अब वे पहले की तरह मुनाफा नहीं कमा पाते लेकिन अगर दूसरे पहलू को देखें तो वर्तमान मे खेती करने का दायरा बढ़ा है यानि खेती के अत्याधुनिक मशीनें और तकनीक ने किसानो को Hi-tech बना दिया है। Masrum ki kheti kaise kare
इन सब तकनीक के बावजूद देश मे ऐसे भी किसान है जो कड़ी मेहनत के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते तो ऐसे मे उन किसानो को क्या करना चाहिए और कैसे खेती और किस फसल की खेती करनी चाहिए ।
मशरूम की खेती (Masrum ki kheti kaise kare)
Mushroom Farming in hindi
तो इसी मुद्दे को ध्यान मे रख कर आज Knowledge Panel मे आप जानेगे एक ऐसे फसल के बारे मे जिसकी मांग भारत मे ही नहीं बल्कि विदेशों मे भी होती है ,हम बात कर रहे है Mushroom ( मशरुम ) की।
कम से कम 50 हजार की लागत 2.5 लाख की मुनाफे वाली या फसल आपकी आमदनी को चौगुना कर देगी
इसकी सबसे खास बात यह है की इसकी खेती के लिए आपको कोई बहुत बड़े जगह की जरूरत नहीं पड़ेगी,आप अपने घर के Room मे भी इसकी खेती कर सकते है । इसको उगाकर आप अपनी आय दोगुनी ही नहीं बल्कि चार गुनी कर सकते हैं…
इसके खेती करने से पहले आप इसके बारे मे अच्छी तरह जानकारी इकठ्ठा कर ले
Mushroom क्या है ?
बारिश के मौषम मे या फिर कहीं अधिक नमी वाले इलाके मे आपने अक्सर किसी झाड़ी,सूखे पेड़,पुरानी लकड़ी पर छतरी नुमा आकार के छोटे पौधे देखें होंगे इसे ही मशरूम या खुम्ब या कई जगह इसे गोबरछत्ता या कुकुरमुत्ता भी कहा जाता है । ये मशरूम एक प्रकार के फुफूंद है जो प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वज खाने और औषधि के रूप इसका प्रयोग करते आ रहे है। इस धरती पर 15 हजार किस्म के मशरूम पाये जाते है लेकिन इसमे सभी खाने योग्य नहीं होते इसमे से कई बेहद जहरीले होते है । इसलिए बिना जानकारी के Mushroom(मशरूम) ना खाएं ।
आइये जानते है Mushroom की खेती करने की पूरी जानकारी –
मशरूम उत्पादन की पूरी जानकारी, पढ़िए कब और कैसे कर सकते हैं खेती
Complete Information on Mushroom Production
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ी है, जिस हिसाब से बाजार में इसकी मांग है, उस हिसाब से अभी इसका उत्पादन नहीं हो रहा है, ऐसे में किसान मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती करने के लिए आपका किसान होना जरूरी नहीं है आप किसी भी क्षेत्र के हो ,इसकी पूरी जानकारी लेकर आप अपना व्यापार शुरू कर सकते है।
मशरूम के प्रकार
Types of Mushroom
मशरूम तीन प्रकार के होते हैयूं तो मशरूम के कई प्रकार होते है लेकिन भारत मे इन 3 प्रकार के मशरूम की खेती होती है –
- ढिंगरी मशरूम (oyster mushroom)
- बटन मशरूम
- दूधिया मशरूम (मिल्की)
September से November तक ढिंगरी मशरूम उसे बाद बटन मशरूम जो February – March तक रहती है और उसके दूधिया मशरूम जो June-July तक रहती है इस प्रकार आप मशरूम की खेती सालो भर कर सकते है ।
मशरूम के इन प्रकारो मे ढिंगरी मशरूम (oyster mushroom) की खेती बड़ी आसान और सस्ती है। इसमें दूसरे मशरूम की तुलना में औषधीय गुण भी अधिक होते हैं। दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई एवं चेन्नई जैसे महानगरों में इसकी बड़ी माँग है। इसीलिये विगत तीन वर्षों में इसके उत्पादन में 10 गुना वृद्धि हुई है। तमिलनाडु और उड़ीसा में तो यह गाँव-गाँव में बिकता है। कर्नाटक राज्य में भी इसकी खपत काफी है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी oyster mushroom की कृषि लोकप्रिय हो रही है।इसके अलावा अगर दूसरे मशरूम की बात करें तो बाजार मे बटन मशरूम अधिक लोकप्रिय है लोग इसे बड़े चाव से खाते है ।इसलिए यहाँ आपको ढिंगरी मशरूम और बटन मशरूम के उत्पादन की जानकारी दी जा रही है
कैसे करे ढिंगरी मशरूम (oyster mushroom) की खेती
उत्तर भारत मे इसकी खेती समान्यतः सितंबर से फ़रवरी के बीच की जा सकती है क्यूंकि इस दौरान तापमान कम रहता है और इसकी बेहतर खेती के लिए कम से कम 20 से 25 डिग्री तापमान और 80 से 85 % की आदर्ता जरूरी है आप इसे किसी भी हवादार कमरे मे सेड़ बना कर उपजा सकते है ।
आइये जानते है इसके उपजाने के नियम –
इसके लिए सबसे पहले आपको भूसा, पॉलीबैग, कार्बेंडाजिम, फॉर्मेलिन और स्पॉन (बीज) की जरूरत होती है। 10 किलो भूसे के लिए 1 किलो स्पॉन की जरूरत होती है।
ढिंगरी मशरूम (oyster mushroom) |
धान के पुवाल को बारीक कट कर इसे भूसा बना ले उसके बाद भूसे को साफ पानी से अच्छी तरह धो कर सूखा लें ताकि उसमे कोई गंदगी या किटाणु ना रहे फिर उसे गरम पानी मे अच्छी तरह धो लें उसके बाद दस किलो भूसे को 100 लीटर पानी में भिंगा कर उसमे 150 मिली. फार्मलिन, सात ग्राम कॉर्बेंडाजिन को मिलाकर अच्छी तरह मिलाएँ और तकरीबन 12 घंटे तक सूखने छोड़ दें ताकि अतिरिक्त पानी निकाल जाये और हल्की नमी बरकरार रहे।
ध्यान रखें मशरूम के बीज यानि स्पॉन सेड़ तैयार होने के तुरंत पहले खरीदे पहले से खरीदे बीज के खराब होने के चांस अधिक होती है ।
इसके बाद एक किलो सूखे भूसे को एक बैग में भर लें, आप एक बैग में 2-3 Inch प्रत्येक लेयर के तीन लेयर भूसे लगाए, एक लेयर लगाने के बाद उसमें स्पॉन की किनारे-किनारे रखकर उसपर फिर भूसा रखें, इस तरह से एक बैग में तीन लेयर लगाएँ
बैग में स्पॉन लगाने के बाद पंद्रह दिनों में इसमें ऑयस्टर की सफेद-सफेद खूटियां निकलने लगती हैं, ये मशरूम बैग में चारों तरफ निकलने लगता है। इस मशरूम में सबसे अच्छी बात होती है इसे किसान सुखाकर भी बेच सकते हैं, इसका स्वाद भी तीनों मशरूम में सबसे बेहतर होता है
बटन मशरूम की खेती(Button Mushroom)
वर्तमान पे ज़्यादातर घरो मे बटन मशरूम ज्यादा पसंद किए जाते है इसलिए इसके उत्पादन मे भी ज्यादा जोड़ दिया जा रहा है ।
बटन मशरूम |
चूंकि बटन मशरूम निम्न तापमान वाले क्षेत्रों में अधिक उगाया जाता है। इसलिए अधिक तापमान वाले इलाके मे रहने वाले किसान इसकी खेती करने से कतराते है लेकिन अब Green House (ग्रीन हाउस) तकनीक द्वारा यह हर जगह उगाया जा सकता है। सरकार द्वारा बटन मशरूम की खेती के प्रचार-प्रसार को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। अब इसका उत्पादन 20 किग्रा. प्रति वर्गमीटर से अधिक है दस वर्ष पहले तक प्रति वर्ग मीटर मात्र तीन किलो ही था। उत्तर प्रदेश में इसका अच्छा उत्पादन हो रहा है।
बटन मशरूम का उत्पादन उसके स्पॉन यानि बीज पर निर्भर करता है इसलिए आप इसके बीज किसी अच्छे और रजिस्टर्ड दुकान से ही खरीदे और ध्यान रहे की ये बीज 1 महीने से ज्यादा पुराने नहीं होने चाहिए ।
कैसे करें शुरुआत
आप कम्पोस्ट खाद की एक सेड तैयार कर ले या फिर आप कम्पोस्ट की एक बड़ी सी थैली भी तैयार कर सकते है उसके बाद उसमे बीज की मात्रा कम्पोस्ट खाद के वजन के 2-2.5 प्रतिशत के बराबर लें। बीज को कम्पोस्ट पर बिखेर दें तथा उस पर 2 से तीन सेमी मोटी कम्पोस्ट की एक परत और चढ़ा दें। अथवा पहले पेटी में कम्पोस्ट की तीन इंच मोटी परत लगाऐं और उसपर बीज की आधी मात्रा बिखेर दे। उस पर फिर से तीन इंच मोटी कम्पोस्ट की परत बिछा दें और बाकी बचे बीज उस पर बिखेर दें। इस पर कम्पोस्ट की एक पतली परत और बिछा दें।
उसके बाद उस थैली को किसी Green House मे या फिर किसी ऐसे स्थान मे रखें जहाँ का तापमान 20-25 डिग्री हो और नमी 80-85 % हो । नमी और तापमान बनाए रखने के लिए आप इसे पुराने अखबार से ढक दे और उसे भिंगो दे और कमरे के दीवार को भी पानी से या अन्य तरीको से धो दे ताकि कमरे का तापमान अनुकूल रहे ।
लगाने के 15 से 20 दिनों में खुम्बी यानि मशरूम का कवक जाल पूरी तरह से कम्पोस्ट में फैल जाएगा। इन दिनों खुम्बी को ताजा हवा नही चाहिए इसलिए कमरे को बंद ही रखें।
दूधिया मशरूम (मिल्की) |
बिजाइ के 40 -50 दिन बाद ये तोड़ने लायक हो जाता है । तोड़ने के बाद आप इसे खुले मे ना रखे इसे फ्रिज या फिर किसी कम तापमान वाले जगह पर रखे ताकि इसकी ताजगी बनी रहे और बाजार मे बिकने लायक बना रहे।
बाजार मे बटन मशरूम अधिक लोकप्रिय है जहां ये 100 से 200 रुपए किलो बिकता है खुदरा विक्रेता इसे 300 से 500 रुपए प्रति किलो बेचते है ।
अधिक जानकारी के लिए नीचे सिये लिंक पे जाएँ
बटन मशरूम की खेती की जैविक विधि
मुनाफा
आप 4 से 5 क्विंटल कंपोस्ट बनाकर उसपर बटन मशरूम की खेती कर सकते है इतनी कंपोस्ट पर आपको करीब 2000 किलो मशरूम प्राप्त होगी । एक क्विंटल कम्पोस्ट में डेढ़ किलो बीज लगते हैं। बाजार मे बीज की कीमत 50 से 500 रुपए प्रति किलोग्राम है । कम्पोस्ट बनाने की कीमत तकरीबन 20 से 50 हजार रुपए आते है
ऐसे मे अगर आप कम्पोस्ट मे 50 हजार रुपए खर्च कर उसमे 2000 किलो मशरूम की पैदावार करते है जो बाजार मे 150 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है तो आपको कुल 2.5 लाख का मुनाफा आएगा ।
मुनाफे की पूरी जानकारी के लिए इस PDF File को Download करेंDownload here – Profit of Mushroom Production
मशरूम का बीज कैसे प्राप्त करें
आप अपने शहर के किसी भी सरकारी कृषि अनुसंधान केन्द्रों मे मशरूम के बीज खरीद सकते है जहां आप कम कीमत पर आप बीज खरीद सकते है । इसके अलावा कई निजी संस्थान भी बीज उपलब्ध करवाती है आप नीचे दिये गए लिंक से जानकारी ले सकते है
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इस प्रकार आप मशरूम की खेती कर कम खर्च मे बेहतर मुनाफा कमा सकते है ।
Information Sources
Mushroom Production
kishan suvidha
Gaon Conection
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Kheti Kare
very goood
thanks