Hello Friends भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है जिसकी सभ्यता इसकी संस्कृति संविधान व कानून की सरलता ही इसे दुनिया मे अपनी एक अलग पहचान बनाए रखती है । भारत सरकार देश की इस गरिमा को बरकरार रखने की भरकस प्रयास करती रहती है और बहुत हद तक देश की गरिमा एक नई उचाइयों मे पहुँच चुकी है । बदलते दौर मे यहाँ रहने वाले नागरिक की सुरक्षा,रहन सहन और इनके मौलिक अधिकारों मे कई सारे बदलाओ आए है आजादी के 70 वर्षों मे सरकार ने देश के नागरिकों के लिए कई ठोस कदम उठाए है। वर्तमान मे भारत सरकार ने देश के नागरिकों के लिए एक बेहद एहम बिल पास किया है जिसे नागरिकता संशोधन विधेयक ( Citizen Amendment Bill – CAB ) नाम दिया गया है आइए जानते है क्या है CAB ,CAA और NRC यानि इसकी पूरी जानकारी । what is caa and nrc in hindi
What is Citizen Amendment Bill (CAB)
नागरिकता संशोधन विधेयक क्या है ?
ये भारतीय संविधान मे जुडने वाली Act है जिसके तहत भारत मे रहने वाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोग जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए और बस गए ,ये विधेयक इन लोगों को भारतीय कहलाने का हक प्रदान करेगी यानि इनको भारत की नागरिकता हासिल हो जाएगी ।
दोस्तों इसमे समझने वाली एहम बात ये है की यह कानून ,भारत के इन तीन पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान मे रहने वाले गैर मुस्लिम समुदाय को भारतीय नागरिकता पाने का रास्ता साफ कर दिया है ।
अब तक आप समझ ही गए होंगे की CAB यानि Citizen Amendment Bill क्या है लेकिन CAB के बारे मे सरलता से समझने के लिए आपको पहले The Citizen Act 1955 को समझने होगा –
The Citizen Act 1955 – इस एक्ट के अनुसार भारत को नागरिकता पाने के कई सारे आधार तय किए गए जैसे जन्म,वंश, पंजीकरण, प्राकृतिक और भूमि अर्जन आदि इसे अगर मैं इसे विस्तार से समझाउ तो ये Article बहुत लंबा हो जाएगा और आप पढ़ते पढ़ते शायद बोर भी हो जाए । इसलिए इसे मैं आपको संक्षेप मे समझता हूँ –
जिस व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी 1950 के बाद भारत मे हुआ उसे भारत की नागरिकता प्राप्त होगी या फिर जो नागरिक 11 – 14 साल से भारत मे वैध तरीके से रह रहा है वो भारत का नागरिक है । नागरिकता के ये नियम उनपे ज्यादा लागू होते थे जो विभाजन के बाद किसी तरह दूसरे देशों से भारत मे आकार बस गए थे हालांकि समय समय पर इस ACT के कई सारे बदलाव किए गए जिसे संसोधन 1986,1992,2003 और 2005
मे देखा जा सकता है । इसी प्रकार वर्तमान मे Citizen Amendment Bill के जरिये The Citizen Act 1955 को बदलने की कोशिश की जा रही है ,जिसमे पूरे देश मे बवाल हो रहा है ।
Important Points of CAB -CAB की खास बातें –
➤ नागरिक संशोधन बिल के कानून का रूप लेने से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों को CAB के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी।
➤ पहले जहां भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था वही नए बिल में प्रावधान है कि पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक अगर पांच साल भी भारत में रहे हों तो उन्हें नागरिकता दी जा सकती है ।
➤ ऐसे अवैध प्रवासियों को जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया है, वे भारतीय नागरिकता के लिए सरकार के पास आवेदन कर सकेंगे।
➤ जिन लोगों का धार्मिक आधार पर उत्पीड़न हो रहा है, संपत्तियां ज़ब्त की जा रही हैं, पूजा-पाठ पर हमले किए जा रहे हैं, महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है उन्हें सहज सरल तरीक़े से नागरिकता देना ही इस विधेयक का उद्देश्य है.
➤ इस बिल के पारित हो जाने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के अल्पसंख्यक बिना किसी Legal Document के भारत में रहने के हकदार हो जाएंगे ,लेकिन उसके लिए उन्हें भारत में 12 साल शरणार्थी के तौर पर गुज़ारना होता था, लेकिन नए बिल के मुताबिक, वो कम से कम 5 साल में ही इसके लिए एलिजिबल हो जाएंगे।
➤ इस बिल के जरिये ऊपर बताए गए तीन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थी भारत की नागरिकता पा सकते है ।
क्या कहती है भारत सरकार
➤ ये तो हो गई इस बिल की खास बातें अब भारत सरकार इस बिल पर कुछ तर्क देती है वो ये की पड़ोसी देशों मे अल्पसंख्यकों को धार्मिक उत्पीड़न सहना पड़ता है वो इस विधेयक के सहारे भारत मे शरण ले सकते है ये भी कहना है की मुस्लिम समुदाय के धार्मिक प्रताड़ित लोग मुस्लिम बहुल देशों मे सरन ले सकते है।
➤ भारत मे रहने वाले मुसलमान बिलकुल सुरक्षित है उनको इस बिल से कोई खतरा नहीं । जो लोग विभाजन के बाद दूसरे देश शरण ले रखे है उन्हे वापस अपने वतन भारत आने का ये सुनहरा मौका है ।
➤ सरकार कहती है की नागरिकता कानून 2019 CAB के तहत नागरिकों को नागरिकता देना है न की नागरिकता छिनना है ।
क्यूँ हो रहा है इसका विरोध
पूरे नॉर्थ ईस्ट भारत मे इसका सबसे ज्यादा विरोध किया जा रहा है इसका सबसे बड़ा कारण ये माना जा रहा है की इस इलाके मे सबसे ज्यादा बंगलादेशी रहते है और इस बिल के आ जाने से बड़े संख्या मे इनको नागरिकता मिल जाएगी ऐसे मे यहाँ के लोगो को रोजगार छीनने,संस्कृति खोने और डेमोक्रेटिक बदलाव का डर सता रहा है।
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कुछ आलोचकों का कहना है की ये बिल मुसलमानो के खिलाफ है लेकिन सरकार का कहना है की ये बिल भारत मे घुसपैठियों को रोकने का एक प्रयास है और देश मे अवैध तरीके से रहने वाले प्रवासियों को रोकने का भी एक बेहतर प्रयास है । देश के मुसलमान बिलकुल सुरक्षित है ।
विरोधियों का ये भी कहना है की यह क़ानून संविधान की आर्टिक्ल 14 का विरोध करती है जिसके तहत भारत सरकार देश के किसी भी नागरिक से भेदभाव नहीं करेगी भारत मे रहने वाले सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त है ।
कानून बनने के बाद इसके खिलाफ पूरे देश मे प्रदर्शन पूरे जोड़ सोर से हो रहा है आगजनी,लाठीचार्ज,उपदर्व जैसे घटनाएँ होती जा रही है और ये कही कही भयानक रूप ले रही है ।
तो ये तो थी CAB यानि Citizen Amendment Bill की बात अब इसके अलावा आपको CAA और NRC के बारे मे भी जानना जरूरी है ताकि और भी बेहतर समझ सकें ।
क्या होता है CAA
CAA यानि Citizen Amendment Act संसद मे CAB यानि Citizen Amendment Bill के पारित होने के बाद भारतीय संविधान मे नागरिकता को लेकर एक कानून जोड़ दिया गया जो CAA (Citizen Amendment Act ) 2019 कहा गया । अब जानिए क्या है NRC
NRC क्या है ?
NRC यानि National Register of Citizens जिसका सीधा मतलब ये है की ये भारत की एक रजिस्टर है जिसमे देश मे रहने वाले सभी वैध नागरिकों के नाम शामिल है । इसकी शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 2013 मे असम से हुई थी देश के अन्य राज्यों मे ये लागू नहीं है ।
NRC की शुरुआत असम से इसलिए हुई क्यूंकि इसके द्वारा असम मे अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को हटाना ही NRC का मकसद था ।
एनआरसी के तहत भारत का नागरिक साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि उसके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आ गए थे या फिर भारत का वैध नागरिक साबित होने के लिए एक व्यक्ति के पास रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड, जन्म का सर्टिफिकेट, एलआईसी पॉलिसी, सिटीजनशिप सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, सरकार के द्वारा जारी किया लाइसेंस या सर्टिफिकेट में से कोई एक होना चाहिए।
क्या होगा अगर आप NRC मे शामिल नहीं हुये ।
अगर आप NRC मे बताए गए नियम व दस्तावेज़ पर खड़े नहीं उतरते तो आपको उसे डिटेंशन सेंटर में ले जाया जाएगा जैसा कि असम में किया गया है। इसके बाद सरकार उन देशों से संपर्क करेगी जहां के वो नागरिक हैं। अगर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्यों को दूसरे देशों की सरकार मान लेती है तो ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेज दिया जाएगा।
तो थी बात CAB CAA और NRC की अब दूसरा सवाल जो हर किसी के मन आती है की इस बिल की इतनी हिंसात्मक विरोध क्यूँ हो रहा है , इसके पीछे कई कारण हो सकते है जैसे उपद्रव करने वाले शायद इस कानून के बारीकीयों को नहीं समझ पा रहे है या फिर कुछ नकारत्मक विचारधारा के लोग इनके बीच गलत अफवाह फैला रहे है जो जंगल की आग की तरह पूरे देश मे फैल रही है ।
देश की बड़ी आबादी इस विधेयक यानि CAA,CAB और NRC को ठीक से समझ नहीं पा रहे है उन्हे ये लगता है की अगर उनके पास जरूरी दस्तावेज़ नहीं है तो उन्हे देश से निकाल दिया जाएगा । लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है ये विधेयक नागरिकता पाने के लिए है न की नागरिकता खोने के लिए है ।
आप सभी से नम्र निवेदन है कृपया अपवाहो पे ना जाएँ सही जानकारी हासिल अगर फिर भी आपको कुछ गलत लगे तो शांतिपूर्वक इसका विरोध करें और सही रास्ता अपनाएं और देश का जिम्मेदार नागरिक बने ।
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