Thursday, November 21, 2024
HomeHealth Tipsथेलेसीमिया क्या है कैसे होता है कैसे करे इसका बचाव : World...

थेलेसीमिया क्या है कैसे होता है कैसे करे इसका बचाव : World Thalassemia Day celebrated on May 8 every year

Hello Friends पुरानी कहावत है “स्वास्थ्य ही धन है” Health is Wealth ,एक स्वस्थ व्यक्ति किसी अमीर व्यक्ति से ज्यादा धनी माना जाता है ,इसलिए  आज हम चर्चा करेंगे आपके Health की ,आज आप जनाएंगे दुनिया की एक गंभीर लाइलाज बीमारी Thalassemia (थेलेसीमिया ) के बारे मे । हर साल 8 May को पूरी दुनिया मे International Thalassaemia Day के रूप मे मनाई जाती है जो सभी करोड़ो Thalassemia (थेलेसीमिया ) पीड़ित को समर्पित होता है । World Health Organisation (WHO) के अनुसार Thalassemia (थेलेसीमिया) दुनिया के गंभीर लाइलाज आनुवांशिक बीमारी (genetic disorders) मे से एक है । आइये जानते है क्या है थेलेसीमिया और कैसे बचे इस गंभीर बीमारी से ।

What is Thalassemia (थेलेसीमिया) ?

थेलेसिमिया क्या है कैसे होता है ?


Thalassemia (थेलेसीमिया) एक गंभीर आनुवांशिक बीमारी (genetic disorders)  है जो किसी को विरासत मे अपने माता पिता से मिलती है,इसका अर्थ ये हुआ की अगर कोई माँ बाप के शरीर मे Thalassemia (थेलेसीमिया) जैसी कोई Blood Diseases है तो उनके होने वाले  बच्चे  मे इस रोग के होने का खतरा बढ़ जाता है । इस रोग के होने पर शरीर की Hemoglobin (हीमोग्लोबिन) निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण रक्तक्षीणता (Anemia)के लक्षण प्रकट होते हैं। इसकी पहचान बच्चे के तीन माह की आयु के बाद ही होती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। Hemoglobin (हीमोग्लोबिन) की मात्रा कम हो जाने से शरीर दुर्बल हो जाता है तथा अशक्त होकर हमेशा किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहने लगता है। जिसे Thalassemia (थेलेसीमिया) कहा जाता है ।

Thalassemia (थेलेसीमिया) के प्रकार 

मुख्यतः यह रोग दो वर्गों में बांटा गया है। Minor और Major 

जब ये रोग किसी बच्चे मे माता पिता मे किस एक से प्राप्त होता है तो इसे Minor Thalassemia कहा जाता है अगर माता पिता दोनों Thalassemia से पीड़ित है तो उसे Major Thalassemia कहते है ।


इससे बचने के लिए स्त्री पुरुष विवाह से पहले Blood Test करा लें तभी आने वाली पीढ़ी को इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। नजदीकी रिस्तेदारों मे विवाह करने से बचें और जिस प्रकार विवाह से पहले स्त्री पुरुष अपने जन्म कुंडली का मिलान करते है उसी प्रकार स्वास्थ्य कुंडली का भी मिलान करना चाहिए ताकि वो खुद को और आने वाले पीढ़ी को इस गंभीर बीमारी से बचा सके ।

World Health Organisation (WHO) के अनुसार भारत मे प्रत्येक वर्ष 5 से 7 हजार Thalassemia पीड़ित बच्चे का जन्म होता है । केवल Delhi और उसके आसपास के क्षेत्र में ही यह संख्या करीब 1500  है। भारत की कुल Population का 3.5 % Thalassemia (थैलेसीमिया) से पीड़ित है।England में केवल 350 बच्चे इस रोग के शिकार हैं, जबकि पाकिस्तान में 1लाख  और भारत में करीब 10 लाख बच्चे इस रोग से ग्रसित हैं।

इलाज

ये एक लाइलाज बीमारी है जिसका अब तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं । Hemoglobin (हीमोग्लोबीन) दो तरह के Protein से बनता है Alpha Globin and Bita Globin,Thalassemia (थेलेसीमिया) से पीड़ित व्यक्ति के शरीर मे इन प्रोटीन में ग्लोबिन निर्माण नहीं होता,जिसके  कारण Red blood cells तेजी से नष्ट होने लगती है , रक्त की भारी कमी होने के कारण रोगी के शरीर Hemoglobin (हीमोग्लोबिन) की कमी हो जाती है जिस कारण बार-बार रक्त चढ़ाना पड़ता है एवं बार-बार रक्त चढ़ाने के कारण रोगी के शरीर में अतिरिक्त Iron जमा होने लगती है, जो Heart,Kidney और Lungs में पहुँचकर मौत का कारण बन जाता है ।

यह बीमारी उन बच्चों में होने की संभावना अधिक होती है, जिनके माता-पिता दोनों के Genes (जींस) में Thalassemia (थैलीसीमिया) होता है। अगर समय रहते Pregnancy (ग्रभावस्था) का दौरान समय समय पे जांच की जाय तो होने वाले बच्चे को इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है ।

Medicine Thalassemia पर पूरे विश्व मे अनुसंधान प्रयास जारी है और इसी अनुसंधान ने इस बीमारी को कंट्रोल करने की दावा बनाई है  भारत मे यह Asunra  के नाम से जाना जाता है वेदेशों मे Exjade के नाम से प्रसिद्ध है ये दवाई शरीर मे Iron की मात्रा को Control करने मे सहायक है जिससे Thalassemia के Patient को Extra Iron से होने वाले खतरो से बचाया जा सकता है । ये बिलकुल नई दवा है इससे पहले दो तरीको से शरीर से Iron की मात्रा कम करके इसका इलाज होता था । 

पहला Deferasirox injection के जरिए आठ से दस घण्टे तक लौह निकाला जाता है। यह प्रक्रिया बहुत महंगी और कष्टदायक होती है। इसमें प्रयोग होने वाले एक इंजेक्शन की कीमत 135 रुपए होती है। इस प्रक्रिया में हर साल पचास हजार से डेढ़ लाख रुपए तक खर्च आता है। 

दूसरी प्रक्रिया में kelfer नामक दवा (Capsule) दी जाती है। यह दवा सस्ती तो है लेकिन इसका इस्तेमाल करने वाले 30% रोगियों को जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाती है। साथ ही इनमें से 1% बच्चे गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।ऐसे में नई दवा Asunra काफ़ी लाभदायक होगी। यह दवा फलों के रस के साथ मिलाकर पिलाई जाती है और इसकी कीमत 100 रुपये प्रति डोज है।

लक्षण

अगर कोई व्यक्ति या बच्चे का सूखता चेहरा, लगातार बीमार रहना, वजन ना ब़ढ़ना और इसी तरह के कई लक्षण दिखाई दे तो वह बच्चों या व्यक्ति में थेलेसीमिया रोग होने पर होने के लक्षण है।

बचाव

किसी Thalassemia पीड़ित बच्चे की उम्र 12 से 15 साल होती है इस बीमारी का इलाज करने पर लगभग 25 वर्ष तक जीने की उम्मीद रहती है उम्र के बढ़ते ही Blood की जरूरत ज्यादा लगने लगती है ।  
आइये इस International Thalassaemia Day के दिन ये संकल्प ले की आने वाले पीढ़ी को इस गंभीर बीमारी से बचाएंगे क्यूंकी  ये एक जानलेवा बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं सिर्फ बचाव ही इसका इलाज है इसलिए समय समय पर खून की जांच करवाले और अपने आने वाले पीढ़ी को इस गंभीर बीमारी से बचाए । 

इसे भी पढ़ें

आपको ये Article कैसा लगा हमे Comment Box मे जरूर बताए । हमे उम्मीद है बताई गई जानकारी आपके लिए बेहतर और Helpful होगी ऐसे ही Knowledgeable और Interesting Hindi Article पढ़ने के लिए Visit करे www.knowledgepanel.in.

 

Knowledge Panel
Knowledge Panelhttps://www.knowledgepanel.in
मेरा नाम अंगेश उपाध्याय है मैं Knowledge Panel का Author और एक Professional Blogger हूँ, इस ब्लॉगिंग वेबसाइट मे आप ब्लॉगिंग ,नई तकनीक, ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीके और अन्य कई तरह की जानकारी हिन्दी मे प्राप्त कर सकते है । हमारा मकसद आपको बेहतर जानकारी देना है इसलिए यहाँ आपको वो जानकारी मिलेगी जिसे जानना जरूरी हो ।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

https://thesmartindia.in/series-board-se-diode-ko-kaise-check-kare-how-to-check-diode-without-mulimeter/ on एफ़िलिएट मार्केटिंग Marketing क्या है Affiliate Marketing in Hindi
प्रियंका बाजपेयी on World Milk Day Drink Milk and increase your immune system